Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel - Subscribe BhaktiBharat YouTube ChannelHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaDownload APP Now - Download APP NowFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

भगवान चढ़ाया गया भोग कैसे खाते हैं? - प्रेरक कहानी (How do Take The Bhog Offered to God?)


Add To Favorites Change Font Size
क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं?
यदि खाते हैं, तो वह वस्तु समाप्त क्यों नहीं हो जाती?
और यदि नहीं खाते हैं, तो भोग लगाने का क्या लाभ?
एक युवा शिष्य ने पाठ के बीच में अपने गुरु से यह प्रश्न किए, गुरु ने तत्काल कोई उत्तर नहीं दिया। वे पूर्ववत् पाठ पढ़ाते रहे, उस दिन उन्होंने पाठ के अन्त में एक श्लोक पढ़ाया:
पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥

पाठ पूरा होने के बाद गुरु ने शिष्यों से कहा कि वे पुस्तक देखकर श्लोक कंठस्थ कर लें। एक घंटे बाद गुरु ने प्रश्न करने वाले शिष्य से पूछा कि उसे श्लोक कंठस्थ हुआ कि नहीं?

उस शिष्य ने पूरा श्लोक शुद्ध-शुद्ध गुरु को सुना दिया। फिर भी गुरु ने सिर नहीं में हिलाया, तो शिष्य ने कहा कि वे चाहें, तो पुस्तक देख लें, श्लोक बिल्कुल शुद्ध है।

गुरु ने पुस्तक देखते हुए कहा: श्लोक तो पुस्तक में ही है, तो तुम्हारे दिमाग में कैसे चला गया?
शिष्य कुछ भी उत्तर नहीं दे पाया।

तब गुरु ने कहा: पुस्तक में जो श्लोक है, वह स्थूल रूप में है। तुमने जब श्लोक पढ़ा, तो वह सूक्ष्म रूप में तुम्हारे दिमाग में प्रवेश कर गया, उसी सूक्ष्म रूप में वह तुम्हारे मस्तिष्क में रहता है। और जब तुमने इसको पढ़कर कंठस्थ कर लिया, तब भी पुस्तक के स्थूल रूप के श्लोक में कोई कमी नहीं आई...

..इसी प्रकार पूरे विश्व में व्याप्त परमात्मा हमारे द्वारा चढ़ाए गए निवेदन को सूक्ष्म रूप में ग्रहण करते हैं, और इससे स्थूल रूप के वस्तु में कोई कमी नहीं होती। उसी को हम प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
यह भी जानें

Prerak-kahani Bhog Prerak-kahaniGuru Prerak-kahaniSant Prerak-kahaniStudent Prerak-kahaniShishya Prerak-kahaniPrasad Prerak-kahaniShlok Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

गणेश विनायक जी की कथा - प्रेरक कहानी

एक गाँव में माँ-बेटी रहती थीं। एक दिन वह अपनी माँ से कहने लगी कि गाँव के सब लोग गणेश मेला देखने जा रहे हैं..

दद्दा की डेढ़ टिकट - प्रेरक कहानी

एक देहाती बुजुर्ग ने चढ़ने के लिए हाथ बढ़ाया। एक ही हाथ से सहारा ले डगमगाते कदमों से वे बस में चढ़े, क्योंकि दूसरे हाथ में थी भगवान गणेश की एक अत्यंत मनोहर बालमूर्ति थी।

भक्ति का प्रथम मार्ग है, सरलता - प्रेरक कहानी

प्रभु बोले भक्त की इच्छा है पूरी तो करनी पड़ेगी। चलो लग जाओ काम से। लक्ष्मण जी ने लकड़ी उठाई, माता सीता आटा सानने लगीं। आज एकादशी है...

बुरी परिस्थितियों में भी आशा नहीं छोड़ें - प्रेरक कहानी

उसने राजा से कहा कि यदि मेरी जान बख्श दी जाए तो मैं एक साल में उसके घोड़े को उड़ना सीखा दूँगा।..

ऋषि कक्षीवान सत्य कथा

एक बार वे ऋषि प्रियमेध से मिलने गए जो उनके सामान ही विद्वान और सभी शास्त्रों के ज्ञाता थे। दोनों सहपाठी भी थे और जब भी वे दोनों मिलते तो दोनों के बीच एक लम्बा शास्त्रात होता था

सन्त की दूरदर्शिता - प्रेरक कहानी

एक सन्त के पास 30 सेवक रहते थे। एक सेवक ने गुरुजी के आगे प्रार्थना की - महाराज जी! मेरी बहन की शादी है तो आज एक महीना रह गया है तो मैं दस दिन के लिए वहाँ जाऊँगा। गुरु की महिमा गुरु ही जाने।

जब भगवन ने मुझे गोदी उठाया - प्रेरक कहानी

जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है- प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये, मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
×
Bhakti Bharat APP