चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
तिरछा मोर मुकट सिर पे,
और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥
नटखट नटवर नन्द दुलारे,
तुम भक्तो के प्राण आधारे,
चंचल चितवन चीर चुरइयाँ,
सबकी नैया पार लगइयाँ,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥
केसरिया बागा तन सोहे,
बांकी अदा मेरा मन मोहे,
कैसी मंत्र मोहनी डाली,
मैं सुध भूल भई मतवारी,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥
पल पल करू वंदना तेरी,
पूरी करो कामना मेरी,
छवि धाम रूप रस खानी,
प्रीत की रीत निभानी जानी,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥
चटक मटक चटकीली चाल,
और ये घुंघर वाला बाल,
तिरछा मोर मुकट सिर पे,
और ये गल बैजंती माल,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार,
तेरी सांवरी सुरतिया,
पे दिल गई हार ॥
Bhajan Shri Krishna BhajanBhrij BhajanBal Krishna BhajanLaddu Gopal BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shyam BhajanIskcon BhajanPhagun Mela BhajanRadhashtami Bhajan
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।