दद्दा की डेढ़ टिकट - प्रेरक कहानी
एक देहाती बुजुर्ग ने चढ़ने के लिए हाथ बढ़ाया। एक ही हाथ से सहारा ले डगमगाते कदमों से वे बस में चढ़े, क्योंकि दूसरे हाथ में थी भगवान गणेश की एक अत्यंत मनोहर बालमूर्ति थी।
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हनुमानजी की उपासना से आयु वृद्धि होती है - प्रेरक कहानी
चित्रकूटके घाट पर, भइ संतन की भीर । तुलसिदास चंदन घिसें, तिलक देन रघुबीर ॥..
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तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता - सत्य कथा
श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता संत: मनुष्यों में सबसे प्रथम यह ग्रन्थ सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मिथिला के परम संत श्रीरूपारुण स्वामीजी महाराज को।
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कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
प्रेरक कहानी: कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता फिर भी नाम जपने के लिये बैठ जाते है, क्या उसका भी कोई फल मिलता है?
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ऐसे ही होने चाहिए गुरु - प्रेरक कहानी
वह उनके चरण स्पर्श कर अपना परिचय देता है। वे बड़े प्यार से पुछती है, अरे वाह, आप मेरे विद्यार्थी रहे है, अभी क्या करते हो, क्या बन गए हो?
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जीवन एक प्रतिध्वनि है - प्रेरक कहानी
जीवन एक प्रतिध्वनि है आप जिस लहजे में आवाज़ देंगे पलटकर आपको उसी लहजे में सुनाईं देंगीं। न जाने किस रूप में मालिक मिल जाये...
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अर्जुन व कर्ण पर विचारों का सम्मोहन - प्रेरक कहानी
इसकी विपरीत कारण अर्जुन से कहीं अधिक वीर और साहसी होने पर भी दुविधा में पड़ा रहा। उसकी मान कुंती ने युद्ध से पूर्व यह वचन ले लिया की वह युद्धभूमि में अर्जुन के सिवाय और किसी भाई को नहीं मारेगा।...
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मुट्ठी भर सफल लोग - प्रेरक कहानी
गाइड उन्हें एक फेमस माउंटेनियरिंग स्पॉट पर ले गया। हरिराम और उसके दोस्तों ने सोचा नहीं था कि यहाँ इतनी भीड़ होगी, हर तरफ लोग ही लोग नज़र आ रहे थे..
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जब काम न रहे तो - प्रेरक कहानी
एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया, बस पाँच सौ रुपए है। मगर भूत तो भूत ही था। अपना मन ही वह भूत है..
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श्री गणेश एवं बुढ़िया माई की कहानी
एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था..
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शिशु प्रेम लेकर तो आता है - प्रेरक कहानी
भाषा के शब्द भी प्रतीक हैं, हाव-भाव या चित्र भी प्रतीक हैं। किस चीज के प्रतीक? ऑडियो-विजुअल माध्यमों (पुस्तकों, प्रवचनों, चित्रों या चलचित्रों) द्वारा हम जो कुछ भी सिखाते हैं..
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क्या भोग लगाना पाखंड है? - प्रेरक कहानी
1) उसमें से भगवान क्या खाते हैं? 2) क्या पीते हैं? 3) क्या हमारे चढ़ाए हुए पदार्थ के रुप रंग स्वाद या मात्रा में कोई परिवर्तन होता है?
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भगवन नाम का प्रताप - प्रेरक कहानी
एक व्यक्ति गाड़ी से उतरा। और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा, जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था, उसे किसी कार्यक्रम मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित किया जा रहा था। वह अपनी सीट पर बैठा और हवाई जहाज उड़ गया।
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गुरु गूंगे, गुरु बावरे, गुरु के रहिये दास! - Guru Purnima Special - प्रेरक कहानी
गुरु गूंगे गुरु बाबरे गुरु के रहिये दास, गुरु जो भेजे नरक को, स्वर्ग कि रखिये आस!
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भगवान को आपके धन की कोई आवश्यकता नहीं - प्रेरक कहानी
पुरानी बात है एक सेठ के पास एक व्यक्ति काम करता था। सेठ उस व्यक्ति पर बहुत विश्वास करता था। जो भी जरुरी काम हो सेठ हमेशा उसी व्यक्ति से कहता था...
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