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नौलखा मंदिर @Deoghar, Jharkhand

आदियोगी @Coimbatore, Tamil Nadu
शनिचरा मंदिर @Morena, Madhya Pradesh
किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे..
वनवास के समय धर्मराज युधिष्ठिर के आग्रह करने पर महर्षि बृहदश्व ने नल-दमयन्ती की कथा सुनाई।
प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा के कार्य से राज्य की प्रजा सुखी जीवन यापन कर रही थी...
अच्युतं केशवं रामनारायण कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् । श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥..
श्री युधिष्ठिर विरचितं | श्रीगणेशाय नमः । श्री दुर्गायै नमः । नगरांत प्रवेशले पंडुनंदन । तो देखिले दुर्गास्थान । धर्मराज करी स्तवन । जगदंबेचे तेधवा ॥
उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः । मंत्र: रोग-व्याधि सभी दूर करने हेतु | रोग-उन्मूलन मंत्र | सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

जय जय नीब करोली बाबा । कृपा करहु आवै सद्भावा ॥ कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।..
आदि कवि के रूप में पूजनीय महर्षि वाल्मीकि, सनातन धर्म के प्रथम कवि और महाकाव्य श्री रामायण के दिव्य रचयिता हैं।
भक्ति चारु स्वामी इस्कॉन के एक भारतीय आध्यात्मिक नेता थे। वह इस्कॉन के संस्थापक ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के शिष्य भी थे। महाराज को वैष्णव व्यवहार में उनकी विशेषज्ञता, उनके विशाल ज्ञान और श्रील प्रभुपाद और इस्कॉन के प्रति उनके समर्पण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है।
असली नाम - भाई लहना जी | गुरु - गुरु नानक देव जी | जन्म स्थान - मत्ते दी सराय, श्री मुक्तसर साहिब, पंजाब | जन्म - गुरुवार, 31 मार्च 1504 | मृत्यु - शनिवार, 16 अप्रैल 1552
असली नाम - बीबी भानी | गुरु - गुरु अमर दास जी | जन्म - 19 जनवरी, 1535 | मृत्यु - 9 अप्रैल 1598 (गोइन्दवाल) | पिता - गुरु अमर दास जी | माता - माता मनसा देवी

नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के प्रमुख 31 भगवान शिव के मंदिर।

शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंग, अलग-अलग स्थानों पर स्थापित शिव ज्योतिर्लिंग, जानिए भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे मे | Bharat Ke Barah Shiv Jyotirlinga

दिल्ली के 20 सबसे प्रसिद्ध एवं भव्य मंदिर, जहाँ भगवन के दर्शन के लिए आपको अवश्य जाना चाहिए। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), जिसमें नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद शामिल हैं।
ईर्ष्यालु व्यक्ति की प्रकृति यही होती है कि वह दूसरों को सुखी-संपन्न देखकर उनके जैसा उन्नत, संपन्न और सुखी होने की प्रेरणा ग्रहण नहीं करता...
एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, स्वामीजी आपके गुरु कौन है? मेरे हजारो गुरु हैं! लेकिन फिर भी मै अपने तीन गुरुओ के बारे मे तुम्हे जरुर बताऊंगा...
एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं।
सभी ऋतुओं की बात करें तो एक वर्ष में कुल छह ऋतुएँ होती हैं। इस मामले में, प्रत्येक मौसम की अवधि दो महीने है।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर के समय का शुभ मुहूर्त है जो लगभग 48 मिनट तक रहता है। अभिजीत मुहूर्त असंख्य दोषों को नष्ट करने में सक्षम है और सभी प्रकार के शुभ कार्यों को शुरू करने के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्तों में से एक माना जाता है।
हिन्दू पंचांग में एक महीने को 30 दिनों में विभाजित किया गया है। इसे 30 दिनों को फिर दो पक्षों में बांटा गया है। 15 दिनों के एक पक्ष को शुक्ल पक्ष और शेष 15 दिनों को कृष्ण पक्ष माना जाता है। चन्द्रमा की आकार के अनुसार शुक्ल और कृष्ण पक्ष गणना किया गया है।
हिंदू धर्म या सनातन धर्म विविध परंपराओं से बना है और एक ही संस्थापक से इसका पता नहीं लगाया जा सकता है।