त्रिवतीनाथ मंदिर, या त्रिवतीनाथ महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश के बरेली में एक प्रसिद्ध प्राचीन हिंदू शिव मंदिर है। बरगद के तीन वृक्षों के बीच शिवलिंग प्रकट होने के कारण इसका नाम त्रिवती पड़ा। इसके अलावा प्राचीन त्रिवतीनाथ मंदिर में भोलेनाथ की 60 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा लोगों के बीच आस्था और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
खास बात यह है कि बरेली पहले से ही नाथनगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि शहर की हर दिशा में भगवान शिव का मंदिर है।
त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
❀ कहा जाता है कि एक चरवाहा एक बरगद के पेड़ के नीचे सोया था और उसने स्वप्न में भगवान शिव को देखा। खुदाई करने पर, उसे तीन बरगद के पेड़ों के बीच एक प्राकृतिक रूप से प्रकट (स्वयंभू) शिवलिंग मिला—इसलिए इसका नाम त्रिवटीनाथ (\"तीन बरगद के पेड़\") पड़ा।
❀ राजस्थानी लाल पत्थर से निर्मित इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार हुआ और इसमें उत्तर भारतीय नागर शैली की विशिष्ट नक्काशी और आकृतियाँ हैं।
❀ मंदिर परिसर में शिवलिंग वाला मुख्य मंदिर और गणेश, पार्वती, हनुमान और कृष्ण के छोटे मंदिर, यज्ञशाला, राम मंदिर क्षेत्र शामिल हैं।
❀ हाल के वर्षों में, मंदिर में भगवान भोलेनाथ की 60 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है जो भक्ति का केंद्र बिंदु बन गई है।
त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक है।
त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर के प्रमुख त्यौहार
महाशिवरात्रि मरघट वाले महादेव मंदिर का प्रमुख त्यौहार है। महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के दौरान मंदिर में विशेष रूप से भीड़ होती है; श्रद्धालु गंगा जल से जलाभिषेक (अनुष्ठान स्नान) करते हैं और रात भर पूजा-अर्चना करते हैं।
त्रिवटीनाथ महादेव मंदिर कैसे पहुँचें
यह मंदिर बरेली के प्रेम नगर (उत्तर दिशा) में स्थित है, जो हर दिशा में रक्षा करने वाले देवताओं को समर्पित मंदिरों वाले शहर के रूप में जाना जाता है। भक्त ट्रेन (बरेली जंक्शन) से, फिर ऑटो/टैक्सी से प्रेम नगर पहुँच सकते हैं।
प्रचलित नाम: मरघट वाले महादेव मंदिर, श्री बाबा त्रिवटी नाथ जी मंदिर
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, पीने के पानी की सुविधा, पार्किंग क्षेत्र