अम्बे के हम है दीवाने,
चले माँ को मनाने,
माँ को मनाने चले,
माँ को मनाने,
माता के दर्शन पाने,
चले माँ के दीवाने,
अम्बे के हम हैं दिवाने,
चले माँ को मनाने ॥
पर्वत की चोटी पे डेरा है डाला,
सारे जहाँ से ये धाम निराला,
झूमें नाचे गाएं चले माँ को मनाने,
अम्बे के हम हैं दिवाने,
चले माँ को मनाने ॥
छोड़ के दुनिया के काम ये सारे,
माँ की शरण जाएं माँ के दुलारे,
चरणों में सबकुछ लुटाने,
चले माँ को मनाने,
अम्बे के हम हैं दिवाने,
चले माँ को मनाने ॥
लाल चुनरिया गले में है डाली,
हाथों में लाल ध्वजा देखो है प्यारी,
जयकारा माँ का लगाने,
चले माँ को मनाने,
अम्बे के हम हैं दिवाने,
चले माँ को मनाने ॥
आँचल पकड़ कोई माँ को मनाए,
झोली फैलाके कोई शीश झुकाएं,
वरदान मैया से पाने,
चले माँ को मनाने,
अम्बे के हम हैं दिवाने,
चले माँ को मनाने ॥
अम्बे के हम है दीवाने,
चले माँ को मनाने,
माँ को मनाने चले,
माँ को मनाने,
माता के दर्शन पाने,
चले माँ के दीवाने,
अम्बे के हम हैं दिवाने,
चले माँ को मनाने ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन
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