श्री राम जानकी कथा ज्ञान की, श्री रामायण का ज्ञान, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । जुग-जुग से हमने पलक बिछायी, तुम्हरी राह बुहारी
स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है, तू कह दे कहाँ जाएं, बस तेरे सहारे है, स्वीकार हमे करले, हम दुखड़ो के मारे है ॥
बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को...
गोरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना होगा, तुझको आना होगा ॥
गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते ॥
श्री रामअवतार स्तुति बधाई, सोहर, जन्मदिन अवसरों पर लोकप्रिय है। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी ।
तेरे ऊंचे ऊंचे देखूं जो निशान बाला जी, दिल में जगे सै अरमान बाला जी, तूने भर दी मेरी गोज तेरी कृपा से मौज, तेरे दर पे आना रोज मने अच्छा लागे सै, तेरे तन में है राम तेरे मन में है राम, तन्ने कहना राम-राम मने अच्छा लागे सै ॥