कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?
धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।
Blogs
भारत के टॉप टेन प्रसिद्ध भजन गायक
भजन एक प्रकार का गीत है जिसे भगवान के प्रति सम्मान और भक्ति दिखाने के लिए बजाया जाता है। भजन किसी भी भाषा में हो सकते हैं। कुछ मंत्रों का उच्चारण संगीत के रूप में किया जाता है। भारत में कई प्रसिद्ध हिंदी भजन गायक हैं, जैसे की:
Blogs
आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024
Blogs
अधर पणा अनुष्ठान आषाढ़ महीने त्रयोदशी तिथि पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किया जाता है।
Blogs
तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?
तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।
Blogs
हिंदू धर्म में पूजा से पहले संकल्प क्यों लिया जाता है?
संकल्प का सामान्य अर्थ है किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय करना। हिंदू धर्म में परंपरा है कि किसी भी तरह की पूजा, अनुष्ठान या शुभ कार्य करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है।
Blogs
बेश एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है पोशाक, पोशाक या पहनावा। 'मंगला अलाती' से 'रात्रि पहुड़' तक प्रतिदिन, पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की 'रत्नवेदी' पर देवताओं को सूती और रेशमी कपड़ों, कीमती पत्थरों से जड़े सोने के आभूषणों, कई प्रकार के फूलों और अन्य पत्तियों और जड़ी-बूटियों से सजाया जाता है। जैसे तुलसी, दयान, मरुआ आदि। चंदन का लेप, कपूर और कभी-कभी कीमती कस्तूरी का उपयोग दैनिक और आवधिक अनुष्ठानों में किया जाता रहा है।
Blogs
भगवान जगन्नाथ का महाप्रसाद मिट्टी के बर्तन में क्यों बनाया जाता है?
जगन्नाथ मंदिर में स्थित रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई भी कहा जाता है। यहां भगवान जगन्नाथ के लिए 56 भोग का प्रसाद भी बनाया जाता है।
Blogs
जगन्नाथ मंदिर प्रसाद को 'महाप्रसाद' क्यों कहा जाता है?
जगन्नाथ मंदिर में सदियों से पाया जाने वाला महाप्रसाद लगभग 600-700 रसोइयों द्वारा बनाया जाता है, जो लगभग 50 हजार भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।
Blogs
भगवान अलारनाथ की कहानी: श्री जगन्नाथ कथा
अनासार के दौरान जब भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं, तब अलारनाथ मंदिर परिसर मे भगवान को खीर का भोग लगाया जाता है तथा साथ ही साथ भक्तों को भी यही भोग भेंट किया जाता है।
Blogs
आइए जानें! जैन धर्म से जुड़ी कुछ जानकारियाँ, प्रसिद्ध भजन एवं सम्वन्धित अन्य प्रेरक तथ्य..
Blogs
आषाढ़ मास या आदि हिंदू कैलेंडर का एक महीना है जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में जून / जुलाई से मेल खाता है। भारत के कैलेंडर में, यह महीना वर्ष का चौथा महीना होता है।
Blogs