पितृ पक्ष - Pitru Paksha

वृश्चिकोल्सवम् महोत्सव (Vrischikolsavam Festival)

वृश्चिकोल्सवम् महोत्सव
त्रिपुनिथुरा में श्री पूर्णत्रयेसा मंदिर में वृश्चिकोल्सवम उत्सव केरल में एक रोमांचक और महत्वपूर्ण उत्सव है, जो वृश्चिकम महीने में थिरुवोणम नक्षत्र में मनाया जाता है जो 2024 में 28 नवंबर से 6 दिसंबर तक मनाया जायेगा। वृश्चिकोल्सवम उत्सव को अंगुराडी उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।
वृश्चिकोल्सवम उत्सव की मुख्य विशेषताएं
सांस्कृतिक प्रदर्शन: उत्सव में पारंपरिक केरल मंदिर संगीत शामिल है:

❀ मेलम
❀ पंचवाद्यम
❀ थयंबका
❀ मधलापट्टू
❀ कोम्बु पट्टू
❀ कुझल पट्टू

मुख्य आकर्षण पंचारी मेलम है, जो लगभग 3.5 घंटे तक सटीकता के साथ किया जाता है, इसके बाद अदंथा मेलम और नादापुरा मेलम होता है।

एझुन्नालिप्पु (जुलूस): उत्सव मूर्ति का एक भव्य जुलूस, एक हाथी के ऊपर रखा जाता है, एक केंद्रीय कार्यक्रम है। 15 सुसज्जित हाथियों और गूंजते पंचारी मेलम के साथ, यह देखने लायक दृश्य है।

थ्रीकेट्टा पुरप्पाडु: 1 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह दिन विल्वमंगलम स्वामीयार की यात्रा की याद दिलाता है, जिनका मानना ​​था कि देवता मंदिर के गर्भगृह के बजाय जुलूस के दौरान प्रकट होते हैं। रात्रि जुलूस में प्रसाद चढ़ाने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ती है।

कलात्मक शोकेस: यह महोत्सव सांस्कृतिक अनुभव को समृद्ध करते हुए प्रसिद्ध कलाकारों के लिए कथकली और कर्नाटक संगीत प्रस्तुत करने का एक मंच भी है।

पूर्णत्रयीसा मंदिर के देवता
मुख्य देवता, पूर्णत्रयीसा, भगवान नारायण का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो तीन वेदों (ऋग, यजुर और साम) के सार का प्रतीक हैं। ऐसा माना जाता है कि मूर्ति को अर्जुन ने वैकुंठ से प्राप्त किया था और मंदिर में स्थापित किया था, जो कलियुग की शुरुआत का है।

पूर्णत्रयीसा मंदिर के अनुष्ठान और परंपराएँ
❀ दैनिक अनुष्ठान: दैनिक पूजा के दौरान तंत्री (पुजारी) और एक हाथी की उपस्थिति अनिवार्य है।
❀ गणपति विग्रह: एक अनूठी विशेषता गिरी हुई मुद्रा में गणपति की मूर्ति है, माना जाता है कि यह मुख्य मूर्ति की स्थापना के दौरान गिरी थी।
❀ वृश्चिकोल्सवम उत्सव न केवल केरल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है, बल्कि सामुदायिक भावना और भक्ति को भी बढ़ावा देता है, जिससे यह भक्तों और आगंतुकों के लिए एक उल्लेखनीय अनुभव बन जाता है।

Vrischikolsavam Festival in English

The Vrischikolassavam festival at Sri Poornathrayesa Temple in Thripunithura is an exciting and important festival in Kerala, celebrated in the Thiruvonam Nakshatra in the month of Vrischikam.
यह भी जानें

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