तेरे कलयुग में भी भक्तो ने कमाल कर दिया, हो जय श्री महाकाल के नारे ने धमाल कर दिया, महाकाल तेरी भक्ति ने बवाल कर दिया,
महाकाल तेरी भक्ति ने बवाल कर दिया ॥
ना मन हूँ, ना बुद्धि, ना चित अहंकार, ना जिव्या नयन नासिका, करण द्वार..
शिव शंकर तुम कैलाशपति, है शीश पे गंग विराज रही, शिव शंकर तुम कैलाश-पति, है शीश पे गंग विराज रही ॥
छोटी सी मेरी पार्वती, शंकर की पूजा करती थी, निर्जल रहकर निश्छल मन से, नित ध्यान प्रभू का धरती थी ..
जो शिव को ध्याते है, शिव उनके है, जो शिव में खो जाते है..
सब देव चले महादेव चले, ले ले फूलन के हार रे, आओ रामा की नागरिया..
कोई देवता नही है, भोले नाथ की तरह, लूटाते है खजाना बरसात की तरह, लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥