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मटकी आप चटक गई होयगी - भजन (Matki Aap Chtak Gai Hoygi)


मटकी आप चटक गई होयगी - भजन
मटकी आप चटक गई होयगी
लालय देख मटक गई होयगी
मेरे लल्ला को दोष लगाइबे
बंसी पकड़ लटक गई होयगी
रोज सवेरे मेरा कन्हैया
गइया चराइवे जावे है
तू अलबेली नार नवेली
लालय जाए रिझाबे है
अरे पांव से पाओ अटक गई होयगी
यमुना की रेट रपट गई होयगी
मेरे लल्ला को दोष लगाए बे
बंसी पकड़ लटक गई होयगी

अरे धन माया की कमी नहीं है
तेरी अकल का टोटा है और
तुम तो हो रही ज्वान ढिंगरी
मेरा कन्हैया छोटा है
अरे माखन आप गटक गई होयगी
अरे कौर साफ सटक गई होयगी
मेरे लल्ला को दोष लगाए बे
बंसी पकड़ लटक गई होयगी

अरे बंसी सुननी तुम मोहन की
तुम मधुबन भी जाती हो
अरे दे दे कुल्चा लाल गाल करि
हंसती और हंसाती हो
बंसी की धुन पर मटक गई होयगी
लालय पकड़ मसक गई होयगी
मेरे लल्ला को दोस्त लगावे
बंसी पकड़ लटक गई होयगी

मटकी आप चटक गई होयगी
लालय देख मटक गई होएगी
मेरे लल्ला को दोष लगावे
बंसी पकड़ लटक गई होयगी

Matki Aap Chtak Gai Hoygi in English

Matki Aap Chatak Gai Hoygi, Lalay Dekh Matak Gai Hoygi , Mere Lalla Ko Dosh Lagaibe
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Mohit Shastri

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