सतरंगी मेला है आयो,चालो श्याम दुअरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो
श्याम प्रेमी लाखो आते बाबा की नगरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो
पूरा साल है रहता इंतजार जी कब आएगा फागुन् तेहवार जी
लगता खाटू में लक्खी है मेला आते बाबा के प्रेमी है हजार जी
जी भर के वो मौज उड़ाते बाबा की नगरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो
कोई रेल और जहाज से आता कोई रिंग्स से पैदल है आता
कोई श्याम निशान चढ़ाता कोई डीजे भी साथ में लाता
अरे सबकी इच्छा पुरी करता मेरा श्याम है सावरिया
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो
खूब होते हैं श्याम भंडारे होते कीर्तन और बजते हैं नगाड़े
होता स्वर्ग सा नजारा खाटू धाम का भक्त खूब लगाते हैं जयकारे
बाबा के हैं प्रेमी पागल शंकर है चाकरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो
लेखक व गायक:- शंकर यादव
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