पितृ पक्ष - Pitru Paksha

एक बार जो रघुबर की, नजरो का: भजन (Ek Bar Jo Raghubar Ki Nazron Ka)


एक बार जो रघुबर की, नजरो का: भजन
एक बार जो रघुबर की,
नजरो का इशारा हो जाये,
तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये ॥
श्री राम तुम्हारे चरणों में,
आशीष सभी को मिलती है,
यह धूल तुम्हारी मिल जाये,
जीवन का सहारा हो जाये ॥

एक बार जो रघुवर की,
नजरो का इशारा हो जाये,
तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये ॥

सरकार तुम्हारी महफ़िल में,
तकदीर बनाई जाती है,
मेरी भी बिगड़ी बन जाये,
एहसान तुम्हारा हो जाये ॥

एक बार जो रघुवर की,
नजरो का इशारा हो जाये,
तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये ॥

ये श्री राम का मंदिर है,
भागीरथी गंगा बहती है,
सब लोग यहाँ पे तरते है,
भव पार सभी का हो जाये ॥

एक बार जो रघुबर की,
नजरो का इशारा हो जाये,
तेरी लगन में खो जाऊँ मैं,
दुनिया से किनारा हो जाये ॥

Ek Bar Jo Raghubar Ki Nazron Ka in English

Ek Baar Jo Raghubar Ki, Najro Ka Ishara Ho Jaye, Teri Lagan Mein Kho Jaoon Main, Duniya Se Kinara Ho Jaye ॥
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