Shri Krishna Bhajan

होरी खेली न जाय - होली भजन (Hori Kheli Na Jaay)


होरी खेली न जाय - होली भजन
नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी,
ठाड़ौ मुस्काय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
नेक नकान करत काहू की,
नजर बचावै भैया बलदाऊ की,
पनघट सौ घर लौं बतराय,
घर लौं बतराय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥

औचक कुचन कुमकुमा मारै,
रंग सुरंग सीस ते ढारै,
यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय,
सुनि सासु रिसियाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥

होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै,
सालिगराम कौन याहि हटके,
अंग लिपटि हँसि हा हा खाय,
होरी खेली न जायहोरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥

Hori Kheli Na Jaay in English

Nainan Mein Pichakari Dai, Moy Gari Dai, Hori Kheli Na Jaay, Hori Kheli Na Jaay, Kyon Re Langar Langarai Mote Kini, Thadau Muskaay, Hori Kheli Na Jaay Hori Kheli Na Jaay ॥
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