तुम हो संकट हरण नाथ असरन सरन l सारा त्रिभुवन तुम्हे कर रहा है नमन l शिव दुलारे हो......गौरी के प्यारे सुवन.. गजबदन ~गजबदन ~गजबदन
गणराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ, महाराज विनायक आओ, म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥
गौरी के लाला हो, मेरे घर आ जाना, घर आँगन की ओ देवा, शोभा बढ़ा जाना, गौरी के लाला हों, मेरे घर आ जाना ॥
गजानन आ जाओ एक बार, सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
माथे पर सिंदूर है प्यारा, पीताम्बर है तन पर धारा, सब आस लगाए है, हे गणपति आ जाओ, हम नैन बिछाए हैं, हे गणपति आ जाओ ॥
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति, आपकी मेहरबानी हमें चाहिये, पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका, लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये, रिध्दि सिध्धि के दाता सुणो गणपति ॥
मेरे देवा गजानंद की महिमा न्यारी, माता गौरा शिव पिता त्रिपुरारी, जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी, जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी ॥