हम तो बने तुम्हारे राधारमण ।
अब तौ मर्ज़ी रही तुम्हारी, बनो ना बनो हमारे ॥
राधारमण, हम तो बने तुम्हारे राधारम...
जाति पाति कुल धर्म धाम धन
सब कुछ तुम पर वारे
जैसा चाहे नाच नचा लो
सब प्रकार है हारे... ॥
राधारमण, हम तो बने तुम्हारे राधारम...
छोड गये सब स्वारथ साथी
अपनी राह सिधारे
दीन अधीन मलीन हीन के
अब हो तुम्हीं सहारे ... ॥
राधारमण, हम तो बने तुम्हारे राधारम...
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक:
यहाँ साझा करें।