म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,
कीर्तन में माँ कीर्तन में,
भक्ता के घर आँगन में,
म्हारी झुँझण वाली माँ,
पधारो कीर्तन में ॥
चाव चढ्यो है भारी मन में,
इब ना देर करो आवन में,
थारी कद से उडीका बाट,
पधारो कीर्तन में,
म्हारी झुँझण वाली माँ,
पधारो कीर्तन में ॥
थारी पावन ज्योत जगाकर,
थारे आगे शीश झुकाकर,
म्हे जोड़के बैठ्या हाथ,
पधारो कीर्तन में,
म्हारी झुँझण वाली माँ,
पधारो कीर्तन में ॥
थारो कीर्तन राख्यो भारी,
जी में आई दुनिया सारी,
भगता री राखो लाज,
पधारो कीर्तन में,
म्हारी झुँझण वाली माँ,
पधारो कीर्तन में ॥
‘सोनू’ थारा ध्यान लगावे,
मीठा मीठा भजन सुनावे,
म्हारी सुन लो थे अरदास,
पधारो कीर्तन में,
म्हारी झुँझण वाली माँ,
पधारो कीर्तन में ॥
म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,
कीर्तन में माँ कीर्तन में,
भक्ता के घर आँगन में,
म्हारी झुँझण वाली माँ,
पधारो कीर्तन में ॥
दुर्गा चालीसा |
आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी |
आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली |
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् |
माता के भजनअगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।