Download Bhakti Bharat APP

जय दुर्गे जय दुर्गे: मंत्र (Jaya Durge Daya Durge)


जय दुर्गे जय दुर्गे: मंत्र

जय दुर्गे जय दुर्गे,
महिषविमर्दिनी जय दुर्गे ।
जय दुर्गे जय दुर्गे,
महिषविमर्दिनी जय दुर्गे ।

मंगलकारिणी जय दुर्गे,
जगज्जननी जय जय दुर्गे ।
मंगलकारिणी जय दुर्गे,
जगज्जननी जय जय दुर्गे ॥

वीणापाणिनी पुस्तकधारिणी,
अम्बा जय जय वाणी ।
जगदम्बा जय जय वाणी ॥

वीणापाणिनी पुस्तकधारिणी,
अम्बा जय जय वाणी ।
जगदम्बा जय जय वाणी ॥

वेदरूपिणी सामगायनी,
अम्बा जय जय वाणी ।
जगदम्बा जय जय वाणी ॥

वेदरूपिणी सामगायनी,
अम्बा जय जय वाणी ।
जगदम्बा जय जय वाणी ॥

Jaya Durge Daya Durge in English

Jai Durge Jai Durge, Mahishvimardini Jai Durge । Jai Durge Jai Durge,
यह भी जानें

Mantra Maa Durga MantraMata MantraNavratri MantraMaa Sherawali MantraDurga Puja MantraMaa Durga MantraJagran MantraMata Ki Chauki MantraShukravar MantraFriday MantraStotram Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।

प्रज्ञानं ब्रह्म महावाक्य

प्रज्ञानं ब्रह्म जिसका शाब्दिक अर्थ है ज्ञान ही ब्रह्म है। यह भारत के पुरातन हिंदू शास्त्र 'ऋग्वेद' का 'महावाक्य' है...

श्री जगन्नाथ अष्टकम

कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलो, मुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः, रमा शम्भु ब्रह्मामरपति गणेशार्चित पदो..

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते, गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।

अथ दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला - श्री दुर्गा द्वात्रिंशत नाम माला

दुर्गा दुर्गार्ति शमनी दुर्गापद्विनिवारिणी । दुर्गामच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी ।

श्री चण्डी-ध्वज स्तोत्रम्

धन राज्य सुख देने वाला माँ चण्डिका का स्तोत्र। ॐ श्रीं नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै भूत्त्यै नमो नमः । परमानन्दरुपिण्यै नित्यायै सततं नमः॥१॥

सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम्

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।

Hanuman Chalisa - Achyutam Keshavam -
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel
Download BhaktiBharat App