Shri Ram Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है - भजन (Bhajan: Dhara Par Andhera Bahut Chha Raha Hai)


धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है - भजन
धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है।
दिये से दिये को जलाना पड़ेगा॥
घना हो गया अब घरों में अँधेरा।
बढ़ा जा रहा मन्दिरों में अँधेरा॥
नहीं हाथ को हाथ अब सूझ पाता।
हमें पंथ को जगमगाना, पड़ेगा॥
॥ धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है...॥

करें कुछ जतन स्वच्छ दिखें दिशायें।
भ्रमित फिर किसी को करें ना निशायें॥
अँधेरा निरकुंश हुआ जा रहा है।
हमें दम्भ उसका मिटाना पड़ेगा॥
॥ धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है...॥

विषम विषधरों सी बढ़ी रूढ़ियाँ हैं।
जकड़ अब गयीं मानवी पीढ़ियाँ हैं॥
खुमारी बहुत छा रही है नयन में।
नये रक्त को अब जगाना पड़ेगा॥
॥ धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है...॥

प्रगति रोकती खोखली मान्यताएँ।
जटिल अन्धविश्वास की दुष्प्रथाएँ॥
यही विघ्न। काँटे हमें छल चुके हैं।
हमें इन सबों को हटाना पड़ेगा॥
॥ धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है...॥

हमें लोभ है इस कदर आज घेरे।
विवाहों में हम बन गए हैं लुटेरे॥
प्रलोभन यहाँ अब बहुत बढ़ गए हैं।
हमें उनमें अंकुश लगाना पड़ेगा॥

धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है।
दिये से दिये को जलाना पड़ेगा॥

॥ मुक्तक ॥
लक्ष्य पाने के लिए,
सबको सतत जलना पड़ेगा।
मेटने घन तिमिर रवि की,
गोद में पलना पड़ेगा॥

राह में तूफान आये,
बिजलियाँ हमको डरायें।
दीप बनकर विकट,
झंझावात में जलना पड़ेगा॥

Bhajan: Dhara Par Andhera Bahut Chha Raha Hai in English

Dhara Par Andhera Bahut Chha Raha Hai । Diye Se Diye Ko Jalana Padega ॥ Ghana Ho Gaya Ab Gharon Mein Andhera । Badha Ja Raha Mandiron Mein Andhera ॥
यह भी जानें

Bhajan Arya Samaj BhajanVed BhajanVedic BhajanHawan BhajanYagya BhajanMotivational BhajanMorning BhajanDainik BhajanDaily BhajanPrarthana BhajanVandana BhajanSchool BhajanInspirational BhajanShanti Dham BhajanGayatri BhajanGayatri Paiwar BhajanAWGP Pragya Bhajan

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

कभी राम बनके, कभी श्याम बनके - भजन

कभी राम बनके कभी श्याम बनके, चले आना प्रभुजी चले आना, तुम राम रूप में आना..

आये अंजनी रतन हम तो तेरी शरण

आये अंजनी रतन हम तो तेरी शरण, हरो चिंता हमारी हे चिंता हरण ॥

भक्ति और शक्ति के दाता, रामचरण से जिनका नाता: भजन

भक्ति और शक्ति के दाता, रामचरण से जिनका नाता ॥

बन गया मंदिर राम का: भजन

पासा पलट गया है देखो आज अयोध्या धाम का, 500 साल के बाद बना है देखो मंदिर राम का, 500 साल के बाद ॥

अब ये दुनिया राम की दीवानी हो गई: भजन

ताजमहल की बात तो पुरानी हो गई, अब ये दुनिया राम की दीवानी हो गई ॥

जो सुमिरत सिधि होइ - भजन

जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन, करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥

है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का: भजन

हो के नाचूं अब दिवाना, मैं प्रभु श्रीराम का, है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का, है सहारा अब मुझें तो,
राम सकल गुणधाम का ॥

Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP