Shri Ram Bhajan

गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं - भजन (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham)


गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं - भजन
गोपाल गोकुल वल्लभे,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।
चरणारविन्दमहं भजे,
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥
घनश्याम काम अनेक छवि,
लोकाभिराम मनोहरं ।
किंजल्क वसन किशोर मूरति,
भूरिगुण करुणाकरं ॥

सिरकेकी पच्छ विलोलकुण्डल,
अरुण वनरुहु लोचनं ।
कुजव दंस विचित्र सब अंग,
दातु भवभय मोचनं ॥

कच कुटिल सुन्दर तिलक,
ब्रुराकामयंक समाननं ।
अपहरण तुलसीदास,
त्रास बिहारी बृन्दाकाननं ॥

गोपाल गोकुल वल्लभे,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।
चरणारविन्दमहं भजे,
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥

- गोस्वामी तुलसीदास

Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham in English

Gopal Gokul Vallabhe, Priya Gopa Gosuta Vallabham । Charaṇarvindamaham Bhaje, Bhajaniya Suramuni Durlabham
यह भी जानें

Bhajan Shri Ram BhajanShri Raghuvar BhajanRam Navmi BhajanJanmashtami BhajanSundarkand BhajanRamayan Path BhajanVijayadashami BhajanTulasi Das BhajanJagjit Singh Bhajan

अन्य प्रसिद्ध गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं - भजन वीडियो

Jayashri Ramnath

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

जय बजरंग बलवान हनुमाना - भजन

जय बजरंग बलवान हनुमाना, तेरे बिना ना हो कल्याणा।

गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं - भजन

गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं। चरणारविन्दमहं भजे, भजनीय सुरमुनि दुर्लभं..

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है - भजन

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के देखा नहीं है ॥

भजो रे भैया, राम गोविंद हरि: भजन

भजो रे भैया, राम गोविंद हरि, राम गोविंद हरि, भजो रे भईया, राम गोविंद हरि ॥

हम सब मिलके आये, दाता तेरे दरबार - भजन

हम सब मिलके आये, दाता तेरे दरबार, भर दे झोली सबकी, तेरे पूर्ण भंडार..

बता तेरे मुख को कौन खोलता है - भजन

बता तेरे मुख को कौन खोलता है, तू बोलता है या तेरा मोह बोलता है, ये मैं मैं की आवाज आती कहा से..

ए पहुना एही मिथिले में रहु ना: भजन

ए पहुना एही मिथिले में रहु ना, जउने सुख बा ससुरारी में, तउने सुखवा कहूं ना, ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥

Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP