Shri Krishna Bhajan

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी - आरती (Jayati Jayati Jag Niwas Shankar Sukhkari)


जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी - आरती
जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥
अजर अमर अज अरूप,
सत चित आनंदरूप ।
व्यापक ब्रह्मस्वरूप,
भव! भव-भय-हारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

शोभित बिधुबाल भाल,
सुरसरिमय जटाजाल ।
तीन नयन अति विशाल,
मदन-दहन-कारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

भक्तहेतु धरत शूल,
करत कठिन शूल फूल ।
हियकी सब हरत हूल,
अचल शान्तिकारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

अमल अरुण चरण कमल,
सफल करत काम सकल ।
भक्ति-मुक्ति देत विमल,
माया-भ्रम-टारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

कार्तिकेययुत गणेश,
हिमतनया सह महेश ।
राजत कैलास-देश,
अकल कलाधारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

भूषण तन भूति व्याल,
मुण्डमाल कर कपाल ।
सिंह-चर्म हस्ति खाल,
डमरू कर धारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

अशरण जन नित्य शरण,
आशुतोष आर्तिहरण ।
सब बिधि कल्याण-करण,
जय जय त्रिपुरारी ॥

जयति जयति जग-निवास,
शंकर सुखकारी ॥

॥ इति श्री शंकर जी आरती समाप्त ॥

Jayati Jayati Jag Niwas Shankar Sukhkari in English

Jayati Jayati Jag-niwas, Shankar Sukhkari ॥ Ajar Amar Aj Arup,
यह भी जानें

Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanTerash BhajanTriyodashi BhajanDinesh Dube Bhajan

अन्य प्रसिद्ध जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी - आरती वीडियो

Susmita Goswami

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

सर को झुकालो, शेरावाली को मानलो - भजन

सर को झुकालो, शेरावाली को मानलो, चलो दर्शन पालो चल के। करती मेहरबानीयाँ..

वर दे, वीणा वादिनि वर दे: सरस्वती वंदना

वर दे, वीणावादिनि वर दे । प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव, भारत में भर दे ।...

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया: भजन

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया । उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया..

मैया को अपने घर बुलाएंगे: भजन

मैया को अपने घर बुलाएंगे, सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे ॥

मुंदरां

चेलें देखदे, कन्नां चों, वग्दा दूध जी, गोरख, देखे मुदरां नूं ॥ पौणाहारी गया, मोर उत्ते उड़् जी, गोरख, देखे मुदरां नूं...

कभी राम बनके, कभी श्याम बनके - भजन

कभी राम बनके कभी श्याम बनके, चले आना प्रभुजी चले आना, तुम राम रूप में आना..

भगवन लौट अयोध्या आए..

भगवन चौदह बरस वन वास, भगवन लौट अयोध्या आए । वो बागन-बागन आए, और सूखे बाग हरियाए..

Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP