यही आशा लेकर आती हूँ हर बार तुम्हारे मंदिर में, कभी नेह की होगी मुझपर भी बौछार तुम्हारे मंदिर में...
नाम ना जाने, धाम ना जाने, जाने ना सेवा पूजा, तुम आशा विश्वास हमारे...
गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता, है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।..
सूरज की लाली तुझे तिलक लगाती है, बगिया की डाली डाली पुष्प चढ़ाती है..
गजानंद जी ने, ल्यावो रे मनाय, वारी जाऊं चरणन में, चरणन में देवा चरणन में, गजानँद जी ने, ल्यावो रे मनाय, वारी जाऊं चरणन में ॥
जय गणेश जय गजवदन, कृपा सिंधु भगवान । मूसक वाहन दीजिये, ज्ञान बुद्धि वरदान ॥..
दर्शन को तेरे आया, सब देव तेरी माया, पूजा करेंगे तेरी, सेवा करेंगे तेरी ॥