छठ पूजा: पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार। करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार...
छठ पूजा: सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ हे घूमइछा संसार, आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ आहे भोर भिनसार...
पटना के घाट पर, हमहु अरगिया देब, हे छठी मइया...
बन परदेशिया जे गइल शहर तू, बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू, उहे घरवा उहे गलिया पुकारे, छठि मैया रास्ता निहारे..
ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।...
कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय, होई ना बलम जी कहरिया, बहंगी घाटे पहुंचाय...
काँच ही बाँस बसहर घरवा, हे कदम जुड़े गाछ, काँच ही बाँस बसहर घरवा...