तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,
सब वेदों के ज्ञाता,
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी,
माथे पे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी,
मैया तुम्हे बुलाए,
गोरा तुम्हे बुलाए,
कह कह के ललना,
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥
पान चढ़े फूल चढ़े,
और चढ़े मेवा,
लड्डअन का भोग लगे,
संत करें सेवा,
भोले बाबा तुम्हें झुलावे,
शंकर बाबा तुम्हें झुलावे,
रेशम के पलना,
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥
अंधन को आंख देत,
कोडिन को काया,
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया,
भक्तों की विनती को,
दीनों की विनती को,
अब गणपति जी सुनना,
तुम्हें वंदना है तुम्हें वंदना ॥
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,
सब वेदों के ज्ञाता,
तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।