ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां, ठुमक चलत रामचंद्र..
जब तें रामु ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ॥ घर से दरिद्रता दूर भगाने और सुख, समृद्धि, शांति लाने के लिए अयोध्या काण्ड के मंगलाचरण की यह चौपाईयाँ प्रतिदिन सुने..
आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..
शिवरात्रि, सावन के सोमवार, सोमवर, सोलह सोमवर, काँवड़, सावन मे शिव, शंकर, भोले, भोलेनाथ, महादेव एवं महाकाल के प्रसिद्ध भजन..
सानूं तेरे मिलण दा चा योगी । ओ चाहे सुप्नियां दे विच आ योगी ।
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार । पवनसुत विनती बारम्बार...
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥