दोहा:
झोली में अब सांवरे,
डाल दया की भीख,
तेरे सिवा कोई नहीं,
अब मेरे नज़दीक ।आया हूँ मैं दरबार तुम्हारे,
सारे जग से हार,
श्याम सम्भालो मुझे,
गिर जाऊं ना सरकार,
पकड़ लो हाथ मेरा एक बार,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
तुम भी कहीं बाबा,
मुझे छोड़ ना देना,
मुझे आस है तुमसे,
इसे तोड़ ना देना,
मुझे तेरी है दरकार शरण में,
ले लो लखदातार,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
आया हूँ मैं दरबार तुम्हारे,
सारे जग से हार,
श्याम संभालो मुझे,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
दुनिया मदद करके,
मेरी हंसी उड़ाती है,
मैं उठना चाहती हूँ,
ये मुझे गिराती है,
झूठा सारा संसार,
एक तू ही है सच्चा यार,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
आया हूँ मैं दरबार तुम्हारे,
सारे जग से हार,
श्याम संभालो मुझे,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
तुम हाथ पकड़ लोगे,
तो मैं तर जाउगा,
तूने भी छोड़ा तो,
किसके दर जाऊँगा,
मर जाऊँगा सरकार ना जाऊं,
माधव दूजे द्वार,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
BhaktiBharat Lyrics
आया हूँ मैं दरबार तुम्हारे,
सारे जग से हार,
श्याम संभालो मुझे,
गिर जाऊं ना सरकार,
पकड़ लो हाथ मेरा एक बार,
श्याम सम्भालों मुझे ॥
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