पितृ पक्ष - Pitru Paksha

सांवेर की धरती - भजन (Sanwer ki Dharti)


सांवेर की धरती - भजन
सांवेर की धरती
सांवेर की धरती हनुमत साजे, चले है इनकी मर्जी
सांवेर की धरती
पाताल में जाकर जब बजरंग, अहिरावन राज मिटाते है
दिल बाग़ बाग़ हो जाता है, जब राम हृदय मुस्काते है
सुन के पतन की आवाजे, सुन के पतन की आवाजे,
यु लगे कही विध्वंस जगे
अरे राम लखन संग आते ही, सेना के मन संग हर्ष जगे ॥

बजरंग बाबा की यह प्रतिमा, यहाँ उल्टा दर्शन देती है
गम कोसो दूर हो जाता है. कष्ट और पीड़ा हर लेती है, ओ....
सुन जयसियाराम के नारों से, सुन जयसियाराम के नारों से
नगर, गगन, पूरा जगे
सांवेर नगर की यह भूमि, इंदौर उज्जैन के मध्य बसे

सांवेर की धरती

Sanwer ki Dharti in English

Sanwer Ki Dharti Hanumat Saaje, Chale Hai Inki Marji, Sanwer Ki Dharti
यह भी जानें

Bhajan Hanuman BhajanBalaji BhajanBajrangbali BhajanHanuman Janmotsav BhajanMangalwar BhajanTuesday BhajanHanuman Path Bhajan

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

गल्लां मेरियां नू माँ मेरी सुनदी ऐ - भजन

गल्लां मेरियां नू माँ मेरी सुनदी ऐ, ओ लै क़े सलाई कर्मा दी, किस्मत दे स्वैटर बूंनंदी ऐ

यही आशा लेकर आती हूँ - भजन

यही आशा लेकर आती हूँ हर बार तुम्हारे मंदिर में, कभी नेह की होगी मुझपर भी बौछार तुम्हारे मंदिर में...

तुम आशा विश्वास हमारे, रामा - भजन

नाम ना जाने, धाम ना जाने, जाने ना सेवा पूजा, तुम आशा विश्वास हमारे...

बेद की औषद खाइ कछु न करै: माँ गंगा माहात्म्य

माँ गंगा मैया का गरिमामय माहात्म्य॥ बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें ।..

प्रार्थना: हे जग त्राता विश्व विधाता!

हे जग त्राता विश्व विधाता, हे सुख शांति निकेतन हे। प्रेम के सिन्धु, दीन के बन्धु, दु:ख दारिद्र विनाशन हे।...

कृष्ण भजन

जन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, भागवत कथा, गीता पाठ, कीर्तन, भजन संध्या मे प्रसिद्ध श्री कृष्ण भजन..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Bhakti Bharat APP